तकनीकी प्रगति ने निश्चित तौर पर कई संगठनों को उचित रूप से समय प्रबंधन करने में मदद की है। लेकिन, नकारात्मक पक्ष यह है कि प्रशिक्षण सत्र को नियंत्रित करने के लिए किसी भी प्रशिक्षक के बिना प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने से अव्यवस्था और भ्रम पैदा हो जाएगा। पूरी तरह से स्वचालित या यह खुद करें उपलब्ध ऑनलाइन अभ्यास ज्यादा कुछ कर नहीं पाए। यह इस लिए क्योंकि मशीनों के साथ मूल्यांकन चरण छोड़ने का विकल्प हमेशा बना रहता है। जबकि एक प्रशिक्षक आपकी प्रगति और सुधार की गणना करने के लिए आपकी जांच करता रहेगा।
इससे पहले, संगठन एक व्यक्ति के करियर विकास के लिए जिम्मेदार होते थे, लेकिन अब जिम्मेदारी खुद कर्मचारी पर आ गयी है। ऐसे माहौल में करियर के लीनिअर विकास को हासिल करना बेहद मुश्किल होता है। इसलिए, उद्योग विशेषज्ञ अब काम करने के लिए एक और अधिक ऑर्गैनिक, व्यक्तिगत और पसंदीदा-संचालित दृष्टिकोण की सलाह देते हैं। रोजगार संतुष्टि सफलता का नया मंत्र बन गया है।
निम्नलिखित बिंदु कैरियर विकास मंत्र की रूपरेखा तैयार करते है। −
अंतिम बिंदु विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। कर्मचारी अक्सर यह गलत धारण बना बैठते हैं कि उनकी ताकत संपूर्ण है। हालांकि, काम के माहौल में थोड़ा बदलाव भी उनकी ताकत को अनुपयोगी या अप्रासंगिक कौशल में परिवर्तित कर सकता है। इसलिए जो कौशल कर्मचारी पहले से उपयोग कर रहा है उसके अनुरूप जो नये कौशल सीखे जा सकते हैं उनकी वास्तविक जांच करना आवश्यक है ताकि बाजार के भावी बदलावों के लिए कर्मचारी तैयार किया जा सके।
कर्मचारियों को अपने करियर का विकास करने के लिए स्वयं जिम्मेदार माना जा रहा है फिर भी कई संगठन अभी भी व्यक्तिगत प्रयासों को प्रोत्साहित करने में शामिल होना चाहते हैं। यह विशेष रूप से उच्च शिक्षा, रचनात्मक सोच, अभिनव दृष्टि के क्षेत्र में है और कारोबारी माहौल के अनुरूप लचीला होने में सक्षम है।
कई संगठन एक कदम आगे चले गये हैं और सलाह देने, संगठनात्मक अंतरसंचार को सुगम बनाने, कॉरपोरेट दायित्वों की व्याख्या करने जैसे अन्य विकल्प उपलब्ध करा रहे हैं। इन कार्यक्रमों ने कर्मचारियों में अधिक प्रतिबद्धता और संतुष्टि की एक विराट भावना उत्पन्न की है।
संगठन यह भी समझते हैं कि जब वे बेहद प्रेरित और रचनात्मक लोगों की भर्ती करते हैं। एक बार कर्मचारी बनने के बाद, वे संगठन को न केवल सीखने की जगह के रूप में देखेंगे बल्कि उसे अपने निजी विकास के रूप में भी इस्तेमाल करेंगे। यदि वे अपनी वर्तमान कंपनी को विकास या वृद्धि की दिशा में नहीं देखते हैं तो इन लोगों को रोजगार के वैकल्पिक स्रोतों को ढूँढने में परेशानी नहीं होगी।
अपने कार्यबल से प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए संगठनों ने अब उन तरीकों पर पर्याप्त ध्यान देना शुरू कर दिया है जिनमें लोग प्रेरणा की तलाश कर रहे हैं। चूँकी व्यापार से सभी प्रकार की सूचनाएँ आ रही हैं, संगठनों ने सभी कर्मचारियों को एक जैसे समाधान सुझाने बंद कर दिये हैं।
संगठनों ने अब यह जान लिया है कि कर्मचारियों की दिलचस्पी रैखिक पदानुक्रमित वृद्धि की संभावना के बजाय स्वयंसेवा, मनोवैज्ञानिक सफलता में काम करने में अधिक है। इसका कारण यह है कि कोई संगठन अब एक समरूप काम करने वाले माहौल बनाने का दावा नहीं कर सकता है जो कि उम्मीदवारों को लंबी अवधि के लिए एक जैसे काम की जिम्मेदारी को सुनिश्चित कर सके।