वैश्विक माहौल में करियर


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जैसे ही रिक्तियों की घोषणा की जाती है तो यह पूल अत्यधिक प्रतिभाशाली लोगों से भर जाता। यह मुख्यतः एचआरआईएस प्रौद्योगिकी के प्रभाव के कारण है, जो कहता है −

“किसी भी रिक्ति के लिए, बड़ी संख्या में कम्पनी में काम कर रहे उम्मीदवारों के साथ, पूल प्रोग्राम स्किल अनिवार्य है, और किसी भी आकार की फर्मों द्वारा जारी की गई रिक्ति उम्मीदवारों से मेल खानी चाहिए।”

पहले जब प्रबंधकों को कुछ परियोजनाओं पर विदेश भेजा जाता था तो ऐसा लगता था कि उनका करियर जैसे निष्कासन में भेज दिया गया हो। माना कि यह पूरी तरह खत्म नहीं हुआ लेकिन आज यह शीर्ष की तरफ एक कदम की तरह है।

मुख्यतः यह परिवर्तन स्पष्ट रूप से ग्लोबल बिजनेस माहौल के बढ़ने की वजह से आया है। बड़ी कंपनियाें ने सबसे पहले इन्टर्नल स्टाफिंग और करियर विकास के लिए नवीनतम तकनीक का लाभ उठाया। आजकल कंपनियां जैसे-जैसे अधिक डाटा-केंद्रित होती जा रही हैं, तो वे बाहर तलाशने से पहले अपना डेटाबेस जांचते हैं, और संभाव्य के लिए आंतरिक एचआर डाटा खंगालते हैं।

ग्लोबल बिजनेस माहौल

उच्च योग्य बहुराष्ट्रीय प्रबंधकों की नई मांग ने अंतर्राष्ट्रीय करियर प्रबंधन में कई नए सिद्धांतों को जन्म दिया है। जो निम्नानुसार हैं −

  • वो कर्मचारी जिनको कैरियर में फायदा होगा और जो अपने ज्ञान से संगठनों को योगदान देने के इच्छुक हैं, उनको चुना जाना चाहिए।

  • चयनित कर्मचारियों को केवल अंतरराष्ट्रीय कार्यों के लिए तैयार किया जाना चाहिए। पूर्व प्रस्थान प्रशिक्षण आवश्यक विशेषज्ञता के साथ सामाजिक जीवन, राजनीतिक माहौल, धर्म और भाषा पार-सांस्कृतिक विविधता पर केंद्रित होनी चाहिए।

  • विदेशी अनुभव किसी कर्मचारी की क्षमता को कैसे निखारेगा यह निर्देशित करने के लिए करियर योजना बहुत आवश्यक है। प्रवसन चक्र आपको वास्तविक काम से परे कहां ले जाएगा इसकी बड़ी तस्वीर दिमाग में रखना कामयाबी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और साथ ही यह परित्याग की भावना का दमन करने में भी आपकी मदद करेगा।

  • संचार के माध्यम से देश की नीतियों, परियोजनाओं, योजनाओं और कर्मचारी परिवर्तनों के लिए कर्मचारी का अद्यतन रहना बहुत महत्वपूर्ण है। यह प्रबंधक को कंपनी के संपर्क में रखता है और पुनर्प्रवेश में मदद करता है।

  • पुनर्प्रवेश की नौकरियों में कर्मचारी के कौशल और अनुभव का उपयोग करें जो उसने परियोजना के दौरान अर्जित किये हैं। ऐसा करने का एक तरीका हाल के प्रवासियों को सलाहकार के रूप में तैयार करना या उनके अनुभव को बांटने के लिए एक मंच की सुविधा प्रदान करना है।

  • स्वदेशी प्रबंधकों के लिए प्रशिक्षण एक निरंतर कार्य होना चाहिए। यह प्रशिक्षण उन्हें अंतरराष्ट्रीय अनुभव के मूल्यों और संगठन के भीतर उपयोग किए जाने वाले तरीके को जानने में मदद करेगा।

हालांकि, इन सिद्धांतों को अभी तक निष्पादित नहीं किया गया है। इसकी परिणति अक्सर 40% दर तक प्रवास असफलता में हुई है, जैसा कि सूचित किया गया है, और 20% कर्मचारी अपने विदेशी कार्य के बाद कंपनी को छोड़ देते हैं । यह सुझाव दिया जाता है कि अंतरराष्ट्रीय अनुभवों को चुनने के इच्छुक लोगों को कई आत्म-मूल्यांकन और नियोजित कदमों से होकर गुजारा जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अंतर्राष्ट्रीय कार्य का उनके समग्र करियर के उद्देश्यों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होगा।

कोई विदेशी कार्य चुनने से पहले क्या जांचे?

कोई भी विदेशी काम चुनने से पहले, जिन मुख्य कारकाें का आपको अध्ययन करने की जरूरत है वह हैं इसकी −

  • भौगोलिक स्थिति
  • संस्कृति
  • सीमा शुल्क और
  • स्थान की राजनीतिक स्थिति

यह सुनिश्चित करना कि आप नए स्थान पर स्वयं को समायोजित कर सकते हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय करियर के संबंध में कुछ विरोधाभास हैं। एक से अधिक राष्ट्रीय दृष्टिकोण से व्यापार को समझने वाले प्रबंधकों की मांग बढ़ती जा रही है, इसलिए 2001 के आतंकवादी हमलों के कारण विदेशों में यू.एस. नागरिकों को भेजने में एक झिझक महसूस की जा रही है।

जिस तरह उच्च लागत और परिश्रम अनिश्चितता के साथ प्रवासी की काबलियत से कहीं न कहीं जुड़े होते हैं और उसके विदेश आगमन के बाद उस पर प्रभावशाली ढंग से प्रदर्शन करने का दबाव बना होता है, एेसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय प्रचालन से जुड़े देश इस बात पर जोर देते हैं कि विदेश में कार्यरत रहते हुये वे वहां के स्थानीय प्रबंधकों काे विकसित करने पर जोर दें। यह अंततः भविष्य के वैश्विक मैनेजर के लिए विदेशी विकास परियोजनाओं को सीमित करेगा।

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