साल 2014 तक श्रमबल के सभी नए प्रवेशकों में लगभग 58% अल्पसंख्यक और महिलाएं थीं, पुरुष कर्मचारियों का हिस्सा 44% था। यदि हम इतिहास पर नजर डालते हैं, तो हम देख सकते हैं कि कैसे कुछ संरक्षित समूहों ने रोजगार के समान अवसरों और निश्चयात्मक कार्रवाई कानून सुनिश्चित किया जिसकी वजह से नियुक्ति और विकास में तेजी आई।
वर्तमान में श्रम बाजार नया व्यापक कार्यबल बन गया है; समानता और निष्पक्ष व्यवहार के मुद्दों ने विविध प्रबंधन की जिम्मेदारी बढ़ाई है। हालांकि, खुद समूह के सदस्यों में भी कुछ पुरानी रूढ़िवादी सोच के चलते महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए कुछ निश्चित भूमिकाओं को जोड़ कर देखा जा रहा है, इसलिए वे प्रबंधन में अपने आंदोलन को गति देने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।
वरिष्ठ स्तर तक पहुँचने से पहले कुछ ठहराव के बाद अक्सर यह देखा जाता है कि कैसे महिलाएं और अल्पसंख्यक प्रबंधन के सोपान चढ़ सकते हैं। हालांकि, इस पूर्वाग्रह के पीछे के कारण को पूरी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन हम जो कर सकते हैं वह यह कि इन व्यक्तियों के लिए उचित प्रशिक्षण और विकास काे ध्यान में रखें और उनकी विशेष जरूरतों का संज्ञान लें।
उच्च स्तर के प्रबंधन में अत्यधिक व्यक्तिपरक व्यवहार के कारण पूर्वाग्रह उपज सकता। चूंकि सभी उम्मीदवार सुयोग्य होते हैं, चयन अक्सर पारस्परिक कौशल और सहूलियत पर आधारित होता है। खासकर शीर्ष पर रहने वाले लोग नहीं चाहते कि दूसरे भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियोंं का निर्वाह करें।
उच्च स्तर के प्रबंधन में अत्यधिक व्यक्तिपरक व्यवहार के कारण पूर्वाग्रह उपज सकता। चूंकि सभी उम्मीदवार सुयोग्य होते हैं, चयन अक्सर पारस्परिक कौशल और सहूलियत पर आधारित होता है। खासकर शीर्ष पर रहने वाले लोग नहीं चाहते कि दूसरे भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियोंं का निर्वाह करें।
दूसरा प्रस्तावित कारण यह है कि महिलाओं और अल्पसंख्यकों को विकास का रास्ता तय करते समय आसान व कम चुनौतीपूर्ण कार्य दिये जाते हैं। आम तौर पर उन्हें उत्पादन इकाइयों और साहसिक उद्यमों में पदों के बजाय सार्वजनिक संबंध या मानव संसाधन से संबंधित कार्य दिए जाते हैं।
एक अन्य तर्क जो कि अक्सर कार्यस्थल विविधता पर उद्धृत किया जाता है वह यह कि कुछ लोग समूह में सहज महसूस नहीं करते या उनके पास अॉफिस की ताज़ा खबर नहीं होती है, जिसके कारण वे पिछड़ जाते हैं। जबकि जो लोग ऑफिस की राजनीति में थोड़ी दिलचस्पी दिखाते हैं और चिट चैट करते हैं, वे हमेशा आगामी पदोन्नति के अवसरों के बारे में अपडेट रहते हैं, और आमतौर पर जब तक कर्मचारी नहीं चुन लिये जाते, दूसरोें को इसके बारे में पता नहीं चल पाता है।
साथ ही, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कुछ समूह बना लेते हैं या वे बाकी लोगों को अपने से अलग-थलग महसूस कराते हैं और दूसरों के साथ कभी मिलजुल कर नहीं रहते। यहां सकारात्मक बात यह है कि हर संगठन में लोग मौजूदा संगठन की संस्कृति को बदलने या उससे समझौता करने की कोशिश करते हैं, जो उन्हें सशक्त और प्रोत्साहित महसूस कराती है। इस प्रकार के व्यवहार को स्वीकार करने वाली कंपनियां सबसे अधिक मुनाफा देती हैं।
अलग-अलग कंपनियां पूर्वाग्रह तोड़ने के भिन्न-भिन्न समाधान ले कर आती हैं। अधिकतर वे सशक्त निश्चयात्मक कार्रवाही सहित सभी प्रबंधकों के लिए सांस्कृतिक संवेदनशीलता प्रशिक्षण के माध्यम से प्रचार की गति को बढ़ाने की कोशिश करती हैं, जो निम्नलिखित हैं −
हालांकि, इन तरीकों के परिणाम अभी तक खोजे जाने हैं।
निम्नलिखित सारणी में बारह रणनीतियां शामिल हैं, जिनका प्रयोग नियोजक पूर्वाग्रह के मुद्दे को सुलझाने के लिए कर सकते हैं, जैसा कि व्यवसाय में अग्रसर महिलाओं की भागीदारी बढा़ने के लिए काम रही एक शोध और सलाहकार संस्था केेटलिस्ट ने अपने निष्कर्ष में कहा।
महिलाओं की प्रगति मापें। | महिलाओं को बढ़ावा दें। |
महिलाओं को महत्वपूर्ण पद दें। | महिलाओं को गैर पारंपरिक कार्य में लाएं। |
महिलाओं को मेंटर उपलब्ध कराएं। | पेशेवर कंपनियों में महिलाओं को बढ़ावा दें। |
महिला तंत्र बनाएं। | विशिष्ट रूप से निर्मित करियर नियोजन का समर्थन करें। |
सांस्कृतिक बदलाव लाएं। | कार्य को लचीला बनाएं। |
महिलाओं की प्रगति मापें। | महिलाओं को बढ़ावा देना। |
इनमें से कुछ प्रस्ताव वांंछित संगठनात्मक करियर प्रबंधन के पास जाते हैं। यह मौजूदा करियर पथ विभाजन का चयन करते हुए शुरू होता है और फिर अपेक्षाकृत महत्वपूर्ण पदों या प्रगतिशील कार्यों के माध्यम से, जो पहले बहुमत वाले उम्मीदवारों को दिये गये थे, उच्च संभाव्य को पुनर्वितरित कर दिया जाता है।