आज के भर्तियों के प्रतिस्पर्धी माहौल में संगठनों में श्रेष्ठ प्रतिभाओं को आजीवन करियर के लिये अपने साथ बनाए रखना बेहद मुश्किल हो रहा है। संगठनों के पुनर्गठन और विलय ने कर्मचारी को अपने करियर के लक्ष्यों में परिवर्तन करने और उन्हें प्राप्त करने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है ।
आजकल संगठनों ने अपने आपको अपने कर्मचारियों के लिए वन स्टॉप साॅल्यूशन प्रदाता के रूप में देखना छोड़ दिया है। वे एक बिजनेस हाउस में विकसित हो चुके है जो प्रेरित लोगों के लिए सीखने के अवसर प्रदान करता है जो उनको और अधिक मूल्यवान बनाता है ।
इन करियर को परिवर्तनशील करियर की संज्ञा दी गयी क्योंकि उम्मीदवार अब अपनी व्यक्तिगत जरूरतों के मद्देनजर समय-समय पर अपना करियर बदलता रहता है। इन परिवर्तनशील करियर की प्रमुख विशेषताएं पोर्टेबल कौशल, बहु-सांस्कृतिक कार्य अनुभव, नौकरी पर सीखना, और लगातार नेटवर्किंग हैं। परिवर्तशील करियर पारस्परिक सीख और एक संगठनात्मक संरचना में परिवर्तन को करियर में बदलाव को मुख्य कारक मानता है।
आमतौर पर जब करियर निर्माण का जिक्र होता है तो लोग धीरे-धीरे और अधिक व्यक्तिगत दृष्टिकोण की ओर बढ़ते हैं। इसमें व्यक्तिपरक संज्ञायें जैसे - पदनाम, वेतन और दीर्घायु जैसों की जरुरत होती है। कर्मचारियों के जीवन में बेहतर कार्य-जीवन संतुलन की आवश्यकता के लिए इन कारकों ने व्यावसायिक जीवन में प्रवेश किया। वे अब अपने पेशेवर जीवन में अधिक से अधिक संतुलन और अपनी व्यक्तिगत ज़रूरतों की पूर्ति करना चाहते हैं। वे अब अपने परिवार के साथ समय बिताने के मूल्य को समझ गए हैं।
आज, कई व्यक्तिगत और पर्यावरणीय मानकों के कारण कर्मचारियों के करियर बदल रहे हैं। भिन्न-भिन्न व्यवहार और करियर लक्ष्य करियर परिवर्तन के मुख्य कारण हैं। उदाहरण के लिए, जो व्यक्ति अत्यधिक रचनात्मक है वह हमेशा अपने व्यक्तिगत कौशल विकसित करना चाहेगा, तो वे क्रॉस-फंक्शनल करियर विकल्प देखने के लिए अधिक इच्छुक होंगे।
इसी प्रकार, जो लोग शक्ति और उपलब्धि से प्रेरित होते हैं, वे पदानुक्रम उन्नति प्राप्त करने के लिए तत्पर होंगे। हाल के वर्षों तक यह करियर विकास का एक प्रमुख मॉडल था। लेकिन अब, कारोबार के बाहरी माहौल में हुए बदलावों ने संगठनों के आंतरिक कार्यकलापों की संरचना में भी बदलाव किए हैं।
यही कारण है कि लोग अब लिनियर करियर में बदलाव की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसका अवलोकन एक स्थिर और उच्च-संरचित कार्य वातावरण में किया गया है, लेकिन यह एक अधिक ऑर्गैनिक और अनुकूली, स्पाइरल करियर पैटर्न है।
आलरेड, स्नाॅ और माइल्स जैसे उद्योग विशेषज्ञों ने लंबे समय से व्यक्तिगत वृद्धि और करियर परिवर्तनों के बीच जुड़ाव का अवलोकन और उल्लेख किया है। वे कहते हैं कि पहले सिलाे-लाइक कार्य-पद्घति की तुलना में संगठनों ने अब एक और अधिक नेटवर्क-उन्मुख तरीके को अपनाना शुरु किया है ।
यह किसी कार्य में तालमेल बैठाने के लिए एक मजबूत रिश्ता बनाने और वैश्विक व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के तीव्र दबाव को पूरा करने कहने का परिणाम है ।
ये विद्वान जोरदार तरीके से कहते हैं कि किसी व्यक्ति को अपने करियर में सफल होने के लिए जो कौशल के एक समूह की जरूरत होती है वह संगठनों की संरचना पर निर्भर करता है। यदि संगठनात्मक ढांचा नए बाजारों में प्रवेश करने को बढ़वा देतो है तो वह निश्चित रूप से नई चीजें सीखने में सफल होगा।
संगठन आशा करते हैं कि उनके कर्मचारी बाकी सभी से प्रतिस्पर्धा करने के लिए सभी आवश्यक तकनीकी कौशल से युक्त हो। लेकिन साथ ही, आज के कार्यबल में जो परिवर्तन आये हैं वे कर्मचारियों को संतुष्ट होने की अनुमति देते हैं । जिन कर्मचारियों के पास जोरदार अंतर्वैयक्तिक कौशल और सहयोगात्मक प्रवृत्ति है वे किसी भी अंतर-विभागीय शैली में सरलता से अपना अस्तित्व बना सकने के योग्य होते हैं।
जब किसी कार्यात्मक रूप से संगठित संस्था में पर्याप्त तकनीकी कौशल हों, तो जिन को कल की सेलुलर कंपनियों में सफल होना हैं उन्हें व्यावसायिक सहयोगी और स्व-प्रशासन कौशल में भी सक्षम होना चाहिए। करियर योजनाकार संगठनों में नए कामकाज मॉडल के अनुकूल ढलने वाले होते हैं, ताकि वे विभिन्न प्लेटफार्मों से सीख सकें और संपूर्ण करियर में सुधार ला सकें।
संगठनात्मक विकास के लिए काम करते समय व्यक्तिगत विकास का विचार मूल रूप से एक दूसरे से अलग नहीं है। वे पूरी तरह से सतत् हैं और इन्हें साथ में चलाया जा सकता है। पहले, यदि किसी संगठन के कर्मचारी नई चीजें सीख जाते थे तो उनके नियोक्ता यह सोचकर असुक्षित महसूस करने लगते थे कि वे काम छोड़कर जा सकते हैं । लेकिन आज के कारोबारी परिदृश्य में कंपनियां चाहती है कि उनके कर्मचारी को नए-नए कौशल पर काम करें और किसी भी अचानक बदलाव का सामना करने के लिए तैयार रहें। इसने जिस तरह से लोग आजकल अपने करियर का प्रबंधन करते हैं उसे बदल कर रख दिया है।
पहले वे एक विशेष कौशल क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को विकसित करने की कोशिश में खुशी महसूस करत थे, लेकिन अब उन्होंने एक और व्यापक परिधीय विकास ढांचे में काम करना शुरू कर दिया है जिसमें वे कौशल भी शामिल है जो उनके प्राथमिक कौशल को पूरक बनाते हैं।