कटौती स्थायी छंटनी या कार्यबल में कमी को दर्शाती है। 1980 के दशक में लगभग 600,000 प्रबंधकों की नौकरियां गईं। −
कभी-कभी कम्पनियों में निवेश की माात्रा कम करने और विलय से भी नौकरियां चली जाती हैं। सामान्यतः कंपनियां कर्मचारियों को आउटप्लेसमेन्ट और परामर्श सेवा प्रदान करके जॉब से निकाले जाने की समस्या से निजात दिलाने मेंं मदद करती हैं। इन सेवाओं में नौकरी खोजने का प्रशिक्षण, कौशल मूल्यांकन, रिज़्यूम लेखन और यहां तक कि वेतन वार्ता सेवाएं भी शामिल हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बिंदु जिसकी ज्यादातर कंपनियां अपनी-अपनी कंपनियों का आकार घटाते समय अनदेखी करती हैं वह यह कि वे अपने कर्मचारियों के साथ स्पष्ट और लगातार बातचीत नही करतीं जिनके साथ वे भविष्य में काम करना चाहती हैं। इन लोगों को कमजोर संस्था के साथ इनके मौजूदा करियर की संभावनाओं से संबंधित सामयिक और सटीक जानकारी देना महत्वपूर्ण है।
मुनाफे में बढ़ोतरी के लिए छंटनी की जाती है, लेकिन केवल कर्मचारियों को कम करने से ही लाभ नहीं मिलता। वेन काओस रिसर्च के मुताबिक, जो कंपनियां कर्मचारियों और अन्य परिसंपत्तियों का विस्तार करके नए राजस्व का उत्पादन करती हैं, वे उन कम्पनियाें की तुलना में अधिक लाभ कमाती हैं जो छंटनी रणनीति का पालन करती हैं। लेकिन, अस्थायी श्रमिकों की ओर दृष्टिपात करने से हमारे सामने यह सवाल आता है कि 21वीं शताब्दी में इन कर्मचारियों के करियर का प्रबंधन करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है। यदि अस्थायी कर्मचारी पूर्ण रूप से कुशल या अपने काम के प्रति जिम्मेदार नहीं हैं तो कंपनियों द्वारा दिये जाने वाले कई तरह के लाभ जैसे न्यूनतम श्रम लागत अथवा कर्मचारियों के लचीलेपन में बढ़ोत्तरी इत्यादि थोड़े ट्रिकी हो सकते हैं।
इसके अलावा,अगर अस्थायी श्रमिक, अपने श्रमिक समूह में उप्तादनशील नहीं रहते हैं तो कुशल व्यक्ति को दिये जाने वाले लाभ जैसे काम का नेचर और व्यक्तिगत विकास कम्पनी को हानि की ओर ले जा सकते हैं।
मूल कर्मचारियों के संदर्भ में ध्यान देने वाली बात यह है कि कार्यबल का विलय कई तरह की समस्याओं को जन्म दे सकता है जैसे −
जब लोग एक टीम के रूप में काम करना शुरू करते हैं, तो किसी एक व्यक्ति के कार्य का मूल्यांकन कर पाना मुश्किल हो जाता है। जब इस्तेमाल किया जाने वाला कौशल ठीक से परिभाषित नहीं होता है, तो वांछित कौशल की प्राप्ति के लिए व्यक्तिगत उद्देश्यों का विकास निर्धारित करना एक कर्मचारी के लिए मुश्किल हो जाता है। शोधकर्ता क्लैनी और वन्क ने प्रस्तावित किया कि इस मुद्दे का समाधान सामान्य-पर-महत्वपूर्ण तुलनात्मक कौशल पर ध्यान केंद्रित करना है जो एक टीम के रूप में काम करना उपलब्ध करा सकता है।
एक कंपनी प्रतिस्पर्धी दबाव के कारण अपना आकार कम करने के विकल्प की ओर बढ़ती है, लेकिन 1990 के दशक के अंत में इसे हर समय की रणनीति के रूप में इस्तेमाल किया गया था। इस दशक के दौरान, कंपनियां स्थायी कर्मचारियों या कह सकते हैं कि मूल कर्मचारियों की संख्या कम करने लगीं और उनको अस्थायी या अंशकालिक कर्मचारियों में बदलने लगीं।
यह अतिरिक्त आउटसोर्सिंग और ऑफ़-शोरिंग के कारण निरंतर वैश्विक दबाव का नतीजा था। अब हालात बदल चुके हैं, आजकल कंपनियां अपने मूल कर्मचारियों के साथ काम करना चाहती हैं और केवल कुछ विशिष्ट कार्यों के लिए सीमित लोगों की भर्ती कर रही हैं। इसलिए, मूलतः इसका मतलब है कि छोटी कंपनियों में करियर के अवसर कम हैं और अंतर-कंपनी गतिशीलता व्यापक रूप से करियर विकास के एक रूप में स्वीकार की जा रही है।