ऐसे कौन से गुण हैं जो सभी सभी समीक्षात्मक विचारधारा वाले लोगों मे देखने को मिलता है? इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या यह गुण किसी व्यक्ति को समीक्षात्मक तरीके से सोचने में बेहतर बनाता है? ऐसा पाया गया है कि कुछ लोग तार्किक निर्णय लेने में दूसरे लोगों से बेहतर होते हैं।
सही फैसला लेने के पीछे महारत का राज उनकी शिक्षा की गुणवत्ता या उनके द्वारा की गई विभिन्न स्थानों की यात्रा नहीं है। इसका रहस्य इस बात में छिपा है कि अपने जीवन में अपनी शिक्षा को उन्होंने कितना लागू किया है और जिन स्थानों की उन्होंने यात्रा की है और जिन लोगों से उन्होंने बातचीत की है उनसे उन्होंने क्या सीखा है?
शोधकर्ताओं का कहना है कि दुनिया भर में समीक्षात्मक सोच रखने वालों में चार बाते समान होती हैं। जैसे −
यह एक मशहूर कहावत है कि अच्छे संचारक वह नहीं होते हैं जो अच्छा बोलते हैं बल्कि वे होते हैं जो अच्छे से दूसरों की बातों को सुनते हैं। भले ही आप एक प्रेरक वक्ता हों लेकिन जब आप दूसरों की बातों को सही ढंग से नहीं सुनते हैं तो आप बोलते समय अपने उद्देश्य से भटक जाते हैं। ऐसे मामलों में आपके सभी महत्वपूर्ण विचार और टिप्पणियाँ पूरी तरह से व्यर्थ हो जाती हैं।
एक सक्रिय श्रोता होने का मतलब यह है कि जो वक्ता कह रहा है उसके प्रति आपको पूरी तरह से सतर्क और सचेत रहना होगा। इतना ही नहीं एक सक्रिय श्रोता वक्ता के शब्दों की व्याख्या करते हुए, वक्ता द्वारा भेजे गए ऐसे अवचेतन संदेशों को भी समझ सकता है जिसे वक्ता ने अपने संदेशों में वक्तव्य के दौरान स्पष्ट रुप से कहा ही न हो।
एक जिज्ञासु मस्तिष्क में हमेशा सीखने की चाह होती है। ऐसा पाया गया है कि जिन लोगों के पास अच्छे निर्णय लेने का कौशल होता है, वे हमेशा नई चीजों को सीखने की कोशिश करते हैं। यह जिज्ञासा उन्हें किसी भी संकट का सामना करने के लिए तैयार करती है, ताकि वे किसी भी संकट को सर्वश्रेष्ठ तरीके से संभाल सकें। ऐसे लोग हमेशा सवाल पूछना पसंद करते हैं और बिना तर्क या तर्क-शक्ति के किसी भी प्रकार की व्याख्या या स्पष्टीकरण को स्वीकार नहीं करते हैं।
जिज्ञासा और दखलंदाजी के बीच थोड़ा ही फर्क होता है। कुछ लोग दूसरों के जीवन और व्यवसाय में दखल देने की कोशिश करते हैं और ऐसे लोगों को आम तौर पर दखलंदाजी करने वाला व्यक्ति कहा जाता है। इसके विपरीत, जिज्ञासु होने का मतलब है कि अफवाहों पर ध्यान देने के बजाय अपनी योग्यता का उपयोग करके कुछ नया सीखा जाये।
आत्मानुशासन के मुख्य उद्देश्यों में से एक यह है कि आप अपने विचारों को दूसरों से प्रभावित होने से रोकें ताकि आप एक स्वतंत्र तर्क शक्ति और तर्कसंगत क्षमता के स्वामी बन सकें। समीक्षात्मक सोच रखने वाले लोग दूसरों की तुलना में अपने आस-पास के वातावरण और अपनी ताकत तथा कमजोरियों के बारे में दूसरों से ज्यादा अवगत होते हैं। इसका अहम कारण उनके उपर दुनिया के सुधार की जिम्मेदारी का दायित्व है। उनमें समानुभूति के साथ-साथ और सभी की गुणवत्ता के प्रति एक विश्वास होता है।
किसी कार्य के सफल होने पर अपने योगदान को कम बताना और दूसरों को श्रेय देने विशेषता को ही विनम्रता कहते हैं। विनम्रता का मतलब यह भी है कि नए विचारों का दिल से स्वागत करना। समीक्षात्मक सोच रखने वाले व्यक्ति हमेशा सीखने के दौरान विनम्र होते हैं ताकि बिना अंहकार के वे नई चीज़ों को आत्मसात कर पायें।