अपने विचारों को लिखने से पहले चिन्तन करें- ऐसा करने से आप अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर पायेंगे। एक बार जब आपका प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार हो जाये तो 'मानक दस्तावेज़ संरचना' को खयाल में रखकर आप अपने ड्राफ्ट में वो सभी जरूरी विवरण जोड़ लें जो उसमें छूट गये हैं। बुलेट प्वाइंट्स, शीर्षक, उप-शीर्षक और छोटे शीर्षकों का प्रयोग अपने विषय-वस्तु की सामग्री की रूपरेखा के अनुसार करें।
पहला ड्राफ्ट तैयार करने के कुछ दिनों के बाद इसका संपादन करें। संक्षिप्त और सही सामग्री डिजाइन (तैयार) करने के उद्देश्य से प्रत्येक शब्द, वाक्य तथा पैराग्राफ का मूल्यांकन करके ड्राफ्ट में सुधार करें।
कई ड्राफ्ट लिखें क्योंकि प्रत्येक ड्राफ्ट पिछले वाले ड्राफ्ट से बेहतर होता है। जब तक आप संतुष्ट न हो जायें तब तक अंतिम ड्राफ्ट में सुधार करते रहें। इसे सहकर्मियों को दिखाएं और इसपर उनकी राय लें। सुझावों पर चर्चा करें और आवश्यकतानुसार सुधार करें।