जिस तरह से हमारे आस-पास की दुनिया में बदलाव आया है आजकल प्रत्येक व्यक्ति को चाहे वो किसी भी उम्र का हो, या किसी भी तरह की नौकरी करता हो या किसी भी पद पर हो - उसे लिखना पड़ता है। चाहे वो स्कूल में दिये जाने वाले काम हों, कोई रिपोर्ट बानानी हो या फिर बिल पर हस्ताक्षर करना हो - सभी लिखते हैं।
उनमें से कुछ लोग जिन्हें लिखना पड़ता है वह वास्तव में लिखने का आनंद लेते हैं लेकिन कई लोग के लिए लेखन सिर्फ दिनचर्या के काम से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं। इन लोगों के साथ समस्या यह है कि वे इसके बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचते कि किस तरह लिखना चाहिये। जिसके परिणामस्वरूप उनकी लेखन शैली अधिक समय लेने वाली, गलत और असंतोषजनक होती है।
जिस तरह बीजगणित के एक प्रश्न को हल करने के लिए नियम बने हुए हैं उसी तरह बेहतर लेखन के लिए भी कई नियमों का पालन किया जा सकता है। इस अध्याय में हम ये जानेंगे कि एक प्रभावी व्यावसायिक दस्तावेज़ लिखने की प्रक्रिया की शुरुआत वास्तव में किस तरह होनी चाहिये।
सभी चरणों में सबसे मुश्किल (और सबसे अधिक दिमाग खपाने वाला ) काम किसी लेखन की शुरुआत करना है। यहां कुछ ऐसी युक्तियां दी गई हैं जिससे आपको लेखन कार्य जल्दी शुरू करने में मदद मिलेगी −
कंपनियां नियमित रुप से दस्तावेज जारी करती रहती हैं जैसे शेयरधारकों के लिए वार्षिक रिपोर्ट, ग्राहकों के लिए मासिक न्यूज़लेटर्स और कर्मचारियों के लिए संपादकीय। आपने किसी विषय वस्तु के लिये जो ड्राफ़्ट तैयार किया है उसके आधार पर आपको अपने डेटा को तीन खाकों में बाँटना पड़ सकता हैं। −
समय पर आधारित संरचना
इस संरचना का प्रयोग एजेंडा, मिनट, या रिपोर्ट लिखते समय किया जाता है जहाँ कार्य सौंपे जाते हैं और परिणामों को कालानुक्रमिक अनुक्रम में लिखा जाता है।
वर्णक्रमानुसार संरचना
जब दस्तावेज में कई अलग-अलग विषय होते हैं तब विषयों को विशिष्ट वर्णक्रमानुसार (A से Z तक) सूचीबद्ध करने के लिये इस संरचना का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिये शब्दकोष या फल और कैलोरीज़ वाली पुस्तक को देखा जा सकता है जिसमें शब्द या फलों के नाम वर्णक्रमानुसार सूचीबद्ध होते हैं।
विषय संरचना
सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली संरचना में संरचना का विभाजन विषयानुसार होता है। उदाहरण के तौर पर किसी भी वेबसाइट पर 'बहुधा पूछे गए प्रश्न (FAQ)' वाले पेज को इस तरह से डिज़ाइन (कोल्ड डिजाइन) किया जाता है कि उसमें चुनने के लिए तीन विषय - "डिलीवरी स्टेटस", "शिकायत" और "भुगतान और धनवापसी" होते हैं और प्रत्येक विषय में उससे जुड़े नाना प्रकार के प्रश्न होते हैं।
कुछ ऐसे प्रभावी कदम हैं जो विषय वस्तु को उचित संरचना में व्यवस्थित करने तथा तार्किक प्रवाह के साथ-साथ विवरण का विस्तृत व्यौरा देने में आपकी सहायता करेंगे जिसकी वजह से समूचा डॉक्यूमेन्ट समकालिक और पूर्ण लगेगा। वे कदम इस प्रकार हैं −
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि व्यावसायिक डॉक्यूमेन्ट लिखते समय हमेशा एक तार्किक अनुक्रम का पालन किया जाना चाहिये ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डॉक्यूमेन्ट के माध्यम से सही संदेश सम्प्रेषित हो रहा है।