मेमो लेखन का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि भविष्य में रेफरेंस के तौर पर इस्तेमाल करने के लिये इसका डॉक्यूमेन्टेशन किया जाता है जिससे फैसला लेने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह जानकारी देने, एक तरह की इन्फॉर्मल रिपोर्ट पेश करने और समस्या के समाधान में भी मदद करता है।
कंपनी की घोषणाएँ जैसे नियुक्तियाँ, पदोन्नति और कंपनी की नीतियों में परिवर्तन करते समय एक बिज़्नेस मेमो का प्रयोग उचित है।
आम तौर पर एक मेमो में निम्नलिखित तत्व शामिल होते हैं −
लेटर हेड पर − संगठन का नाम
पृष्ठ के शीर्ष पर − मेमो का शीर्षक
अटैच्मेन्ट − मेमो के साथ रेफरेंस के लिये अटैच किये गये डॉक्यूमेन्ट
सारांश − यह मेमो की शुरुआत में होता है। इसमें विषय के बारे में पाँच से दस लाइनों में संक्षिप्त सारांश लिखा जाना चाहिये। इसमें कठिन शब्दावली या उच्च तकनीकी भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए।
सेवा में − पाठक का पूरा नाम (नाम के साथ सम्माननीय उपाधि का इस्तेमाल कर सकते हैं पर जेनरिक टाइटल(सजातीय आख्या) जैसे- ‘श्रीमान’, ‘सुश्री’ के इस्तेमाल से बचें।) यदि 'सेवा में' लिखते हैं तो 'प्रिय' जैसे अभिवादन का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
यदि पाठकों की संख्या पांच से अधिक है तो मेमो के अंत में 'डिस्ट्रिब्यूशन लिस्ट'(वितरण सूची) में उनके नाम लिखें और 'सेवा में' वाली पंक्ति में इसका रेफरेंसे दें। जैसे - पेज 14 पर दी गई डिस्ट्रिब्यूशन लिस्ट को देखें।
प्रेषक − यहां प्रेषक के नाम और उसके पद का नाम लिखा जाता है। यह हमें "सादर" जैसे सम्मान सूचक शब्दों के प्रयोग से रोकता है।
दिनांक − दिनांक के उल्लेख से मेमो को ट्रैक करने में मदद मिलती है।
विषय − प्रसंग या विषय के बारे में 5-6 शब्दों में लिखें। इसका विशेष ध्यान रखें कि विषय में लिखने का मकसद - स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिये।
मेसेज − इस सेक्शन में इन्ट्रोडक्शन(परिचय या प्रस्तावना), (डिस्कशन) चर्चा या विस्तार (इसमें 2-3 पैराग्राफ में विस्तृत जानकारियाँ व विवरण होते हैं) और एक निष्कर्ष होता है।
परिचय − इससे मेमो के उद्देश्य और दायरे के बारे में पता चलता है। डिस्कशन वाले सेक्शन में डिटेल्स बतलाने से पहले इसमें अच्छी या बुरी खबर, नामंजूरी, अस्वीकृति या स्वीकृति के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी मुहैया करायी जाती है।
डिस्कशन(चर्चा या विस्तार) − इस सेक्शन में समस्या के बारे में विस्तृत जानकरी के साथ-साथ उसे सुलझाने के तरीके, विश्लेषण, मूल्यांकन और संस्तुतियों के बारे में बताया जाता है।
निष्कर्ष − इसमें सभी मुख्य बिंदुओं का सार होता है और इसमें पाठकों के लिये आवश्यक कार्रवाई और निर्देश दिये जाते हैं।
डिस्ट्रब्यूशन लिस्ट'(वितरण सूची) − आमतौर पर वितरण सूची में नाम वर्णमाला के क्रम में टाइप किए जाते हैं। हालांकि यदि एक ही नाम के दो लोग हों तो पहले उसका नाम लिखें जो ऊंचे पद पर है।
लिखने वाले के नाम का पहला अक्षर − अंतिम वाक्य के ठीक बाद लिखने वाले के हस्ताक्षर नहीं बल्कि नाम के साथ मेमो समाप्त किया जाता है।
मेमो का शीर्षक: <इंटीरियर डीकोर के लिए हास्ता ला विस्टा के साथ बैठक>
अटैच्मेन्ट्स: <कंपनी ब्रोशर और कोटेशन लिस्ट>
सारांश − अपने कार्यालय परिसर का इन्टीरीअर डेकरेशन(आंतरिक सजावट) करवाने के लिये 'हस्ता ला विस्टा' के प्रतिनिधियों के साथ बैठक।
सेवा में: <मो. मोहतसीम, किरण के. पाणिग्रही, गोपाल के वर्मा, मनीषा शेजवाल, अनादि>
प्रेषक: <विनीत नंदा>
दिनांक: 23/04/2015
विषय: आज शाम 6 बजे रूम नंबर-1 में 'हस्टा ला विस्टा' के साथ मीटिंग
12/01/2015 को जो हमारी चर्चा हुई थी उसके हिसाब से हम अपने कार्यालय के इंटीरियर को रेनॉवेट करने की योजना बना रहे थे। उस मीटिंग के अंत में एक इंटीरियर डीकोर कंपनी से संपर्क स्थापित करने का फैसला लिया गया था।
हैदराबाद में स्थित 'हास्ता ला विस्टा' - एक इंटीरियर डीकोर कंपनी है और ये इस व्यवसाय में सबसे तेजी से बढ़नेवाली कंपनियों में से एक है।
हम अपने कार्यालय परिसर का इन्टीरीअर डेकरेशन करवाने के लिये उनकी सेवा का लाभ उठाना चाहते हैं। हम आज शाम 6 बजे कक्ष-1 में उनसे मुलाकात करेंगे।
हम आपकी सक्रिय भागीदारी की आशा करते हैं। धन्यवाद।
वी.एन.