डेटा विज़ुअलाइज़ेशन
डेटा विज़ुअलाइज़ेशन का इस्तेमाल यूजर्स को स्पष्ट रूप से और कुशलतापूर्वक सूचना प्रदान करने के लिये किया जाता है। ऐसा टेबल और चार्ट जैसे इन्फॉर्मेशन ग्रैफिक्स के इस्तेमाल से किया जाता है। इससे यूजर को ढेर सारा डेटा आसानी से समझने और विश्लेषण करने में मदद मिलती है। यह कॉम्प्लेक्स डेटा को अधिक सुलभ, बोधगम्य और उपयोगी बनाता है।
टेबल्स का इस्तेमाल वहाँ किया जाता है जहाँ यूजर्स को किसी विशेष पैरामीटर का पैटर्न दिखाना होता है जबकि 'चार्ट्स' का इस्तेमाल वहाँ किया जाता है जहाँ डेटा में 'एक या एक से अधिक' पैरामीटर्स के पैटर्न्स या संबंध को दिखाना होता है।
डेटा को विजुअली रिप्रजेंट करने के लिये निम्नलिखित टिप्स का खयाल रखें −
- सभी डायग्रामों पर नंबर डालें
- सभी डायग्रामों को लेबल करें
- यह सुनिश्चित करें कि अक्षों(axes) पर माप(measurement) की इकाई(unit) स्पष्ट रूप से लेबल किया गया है।
- यदि कोई व्याख्यात्मक जानकारी या स्पष्टीकरण देना हो तो - पिक्चर के नीचे फ़ुटनोट में दें
- अधिकतम स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए लेआउट की जांच करें
डेटा विज़ुअलाइज़ेशन के फायदे और नुकसान
यहां डेटा को व़िजुअली दर्शाने के कुछ फायदे और नुकसान बताये गये हैं −
फायदे
- इसे बहुत ही कम समय में ढेर सारे दर्शक एक्सेस कर सकते हैं।
- इसमें गागर में सागर भरा होता है अर्थात इसमें बहुत ही कम स्पेस में ढेर सारी जानकारियाँ होती हैं।
- यह आपकी रिपोर्ट को अधिक स्पष्टत और आकर्षक बनाता है।
नुकसान
- यदि व़िजुअल रिप्रज़ेन्टेशन गलत हो जाये तो अर्थ का अनर्थ हो सकता है।
- यदि विजुअल डेटा का विरूपित या अत्याधिक इस्तेमाल हो तो - यह ऑडियेंस का ध्यान भंग कर सकता है।