जो उम्मीदवार पूर्व कार्यकारी प्रशासनिक कार्य के ज्ञान या अनुभव के बिना एक कार्यकारी सहायक के रूप में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो उन्हें इस बात का एहसास होना चाहिए कि शुरूआत में उनके लिए यह प्रक्रिया बहुत मुश्किल होगी। उन्हें शुरुआत में कुछ गैर-पारम्परिक नौकरियों का विकल्प चुनना पड़ सकता है क्योंकि उनका रिज्यूम आवश्यक योग्यता के आधार पर नहीं है। अक्सर इस तरह के रिज्यूम को अनदेखा कर दिया जाता है या कभी-कभी खारिज भी कर दिया जाता है।
जो लोग एक कार्यकारी सहायक बनना चाहते हैं उन्हें नेटवर्किंग के वैकल्पिक मार्गों को अपनाने के लिए अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों से कार्य का अनुभव लेना चाहिए। काफी अनुभव होने पर फिर कोई कार्य करने का प्रयास करना चाहिए। रिज्यूम से आपके वास्तविक कौशल का पता लगना चाहिए इसके बजाए कि आप नौकरी पाना चाहते हैं। एक नौकरी के लिए नौ आवश्यक योग्यताओं में से प्रत्येक को योजनाबद्ध करने का प्रयास करें जो आपने अपने रिज्यूम में उल्लेखित की हैं।
बड़े पैमाने पर तैयारी करें। यदि आपके पास इंटरव्यू के लिए कॉल आती है तो इंटरव्यू के दौरान आपके दिमाग में सभी आवश्यक विवरण होने चाहिए। अपने इरादों और दृष्टिकोण को स्पष्ट रखें और गड़बड़ करने कि कोशिश न करें। आप जो भी हैं उसके लिए सच कहें और अपने आप को वास्तविक रूप में प्रस्तुत करें जो आपने अपने रिज्यूम में स्वयं के लिए जो व्याख्यान दिए हैं उनके अनुरूप रहिए उससे अधिक कुछ मत बताएं।
यह समझने के लिए कि एक प्रभावी कार्यकारी सहायक की स्थिति कितनी अलग और विशिष्ट है हमें पहले इस तथ्य को समझना होगा कि कार्यकारिणी सहायक के पद का कार्य अक्सर-अनूठे और चुनौतीपूर्ण परिदृश्यों के रूप में अपनी चुनौतियों के साथ आता है।
सभी नये चैलेंजर्स और परिदृश्यों को स्वीकार करते हुए उम्मीदवारों को अपनी जिम्मेदारी तथा नौकरी की माँग को और बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। ऐसा कहा गया है नौकरी में केवल चुनौतियाँ ही नहीं होतीं बल्कि इसके अनूठे और दुर्लभ लाभ हैं जो दूसरे कार्य के प्रोफाइल में नहीं आते हैं; कम से कम इस कैरियर में तो जल्दी नहीं आते।
कार्यकारी सहायक की नौकरी में बॉस के साथ सीधे संवाद करना होता है भले ही अन्य कर्मचारी शायद ही कभी अपने बॉस के साथ बातचीत करते हों। इस काम के लिए अलग तरह के व्यक्ति की माँग होती है क्योंकि ये व्यक्ति हमेशा अपने मालिकों के लिए पंक्ति में सबसे आगे रहते हैं।
यदि कार्यकारी सहायक अपने बॉस की सफलता का आनंद लेते हैं तो वे अपने बॉस के निराशा से भी निपटेंगे। बॉस उम्मीद करते हैं कि उनके सहायक ओर ज्यादा प्रयास करें और उतना समय लगाऐं जितना वह चाहते हैं जिससे जीवन के अन्य कामों के लिए कम समय बचता है।
यहाँ तक कि अगर कोई कार्यकारी सहायक मैनेजर की ओर से काम करता है तो लोग अक्सर यह भूल जाते हैं कि वे केवल मैसेंजर हैं निर्णय लेने वाले नहीं। यह सहायक को सीधे परिवर्तन करने या प्रबंधन से पूछे बिना अपने स्वयं के अधिकार पर अतिरक्त दबाव डालने की कोशिश करता है।
कभी-कभी वे उन सवालों का जवाब देना शुरू करते हैं जिनका जवाब उनके बॉस को देना चाहिए। कार्यकारी सहायक मालिक के साथ अपने द्वारा किए गए कार्य और सुझाव साझा कर सकता है। हालांकि उन्हें इस तथ्य को ध्यान में रखना चाहिए कि नौकर हमेशा मालिक के साथ रूक जाता है।
कार्यकारी सहायक स्वयं स्वीकार करते हैं कि एक बार उन्होंने लंबे समय के लिए बॉस के साथ काम किया वे बॉस इतना जुड़ गए कि वे बास की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं। जब यह जीवन शैली और आदतों में आ जाए तो ऐसा संभव हो सकता है। हालांकि मालिक अक्सर अपने सहायक को पहचानने में गलती कर बैठते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि उनके सहायकों को सब कुछ पता है।
वे समझते हैं कि उनके सहायक उनके मन को पढ़ने में समर्थ होंगे जो उन्हें लापरवाह और कम बोलने वाला बना देता है। उन्हें समझने की ज़रूरत है कि कुछ अनुभवी सहायकों को कुछ निश्चित फैसलों को सुलझाने के लिए समय पर संवाद की आवश्यकता होती है।
सहायकों को अक्सर प्रबंधकों की टीम का एक हिस्सा माना जाता है भले ही ऐसा हमेशा जरूरी न हो। इसलिए, आम धारणा यह है कि वे गुप्त सूचनाओं के लिए हैं। ऐसा करना सहयोगियों के साथ बातचीत करते समय उनको सतर्क बनाता है। क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके प्रत्येक शब्द को मालिक के पास रिपोर्ट किया जा सकता है।
सहायकों को यह भी जानना चाहिए कि वे जो भी बोलते हैं वह बॉस के शब्दों के रूप में माना जाएगा। इसलिए उन्हें गपशप या अफवाह फैलाने से बचना चाहिए वे जो भी कहते हैं उसे आन्तरिक मामलों में गलत तरीके से समझा जाएगा।
एक कार्यकारी सहायक के लिए सबसे कठिन चुनौती मध्यस्थ कि भूमिका निभाना है। यह एक ऐसा कार्य होता है जिस कार्य को करने में उसका अधिक समय लगता है। वे उस द्वारपाल की तरह हैं, जो लोगों को अपने बॉस से मिलने के लिए चयनात्मक अनुमति प्रदान करते हैं और अपने बॉस को बाहरी लोगों से दूर और अपने कीमती समय को बर्बाद करने से रोकते हैं।
इससे उन्हें अपने मालिक से प्रशंसा मिल सकती है, लेकिन वे मालिक की पीठ पीछे बुराई करने से भी नही चूकते हैं। सहायक अक्सर कई मामलों में बॉस की जगह ले लेते हैं या तो वे नोट्स लेते हैं या बैठकों में प्रश्न पूछ लेते हैं।